Bumrah चोटिल: काश उनसे ये गलती ना होती!
जसप्रित बुमराह को चोट लगी है। सिडनी टेस्ट के दूसरे दिन, लंच से पहले के पाँच ओवर में से तीन ओवरों में बुमराह मैदान से बाहर थे। फिर लंच के बाद उन्होंने एक ओवर फेंका और वो फिर मैदान से बाहर हो गये। अब बुमराह सिडनी टेस्ट के कप्तान है। रोहित शर्मा, जैसा आप सब जानते हैं, इस मैच से बाहर बैठे हैं। रोहित शर्मा के रन नहीं बन रहे थे इसलिए उन्होंने फ़ैसला किया कि इस मैच से बाहर बैठता हूँ। कप्तानी बुमराह के पास आयी। बुमराह पहले टेस्ट में, पर्थ में भी, टीम इंडिया के कप्तान थे। उस मैच में उन्होंने टीम इंडिया को एक बड़ी जीत भी दिलायी थी। इसलिए रोहित की ग़ैरमौजूदगी में कप्तानी तो उनके पास ही जानी थी। पहले दिन टॉस जीत के उन्होंने एक बड़ा निर्णय भी लिया था। एक ग्रीन पिच पर, जो को गीली भी थी, उन्होंने पहले बल्लेबाज़ी करने का निर्णय लिया। टीम ने 185 रन बनाये जो कि लगा काफ़ी नहीं है। पर फिर बुमराह का तूफ़ान बरसा और उन्होंने दो विकेट आनन फ़ानन में निकल दिये। लेकिन फिर उनका मैदान से बाहर उनके फैन्स के लिये एक बड़ा सवाल हो गया। जब वो लंच के बाद मैदान में लौटे और उन्होंने पहला ओवर भी डाला तो लगा ठीक है। लेकिन इस ओवर में बुमराह की स्पीड काफ़ी गिरी हुई थी। क़रीब 120 की स्पीड से उन्होंने गेंदबाज़ी की। उसके बाद वो मैदान से बाहर चले गये। और फिर दिन भर नज़र नहीं आये। बस ये दिखा कि स्टेडियम के जायंट स्क्रीन बोर्ड पर वो मैदान से बाहर टीम इंडिया के डॉक्टर और सिक्योरिटी के साथ वही सफ़ेद कपड़े पहने कार में बैठ रहे हैं। साफ़ था कि बुमराह चोटिल है। उनको स्कैन टेस्ट के लिए ले जाया गया। बीच मैच में बुमराह का जाना टीम के लिए बहुत बड़ा झटका था। ना केवल उनके बग़ैर गेंदबाज़ी लंगड़ी हो जाती है। बल्कि वो टीम के कप्तान भी हैं। अब गेंदबाज़ी तो किसी तरह टीम इंडिया के गेंदबाज़ों ने ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी में संभल ली। मोहम्मद सिराज और प्रसिद्ध कृष्णा ने जान लगाकर गेंदबाज़ी की और ऑस्ट्रेलिया को 181 रनों पर आउट कर दिया। यानी इंडिया ने पहली पारी में चार रनों की लीड भी ले ली। बुमराह की ग़ैरमौजादगी में विराट कोहली ने मैदान पर टीम की कप्तानी सँभाली। पर सवाल यही है कि बुमराह क्या इस टेस्ट से बाहर हैं। और अगर बाहर हैं तो टीम का 2-2 से सीरीज बराबरी का मौक़ा क्या हाथ से निकल गया। और अगर चोट गहरी है तो क्या टीम इंडिया के चैम्पियंस ट्रॉफी के चांसेज को झटका लगा है। बुमराह के बग़ैर टीम इंडिया की गेंदबाज़ी काफ़ी हल्की हो जाती है। मोहम्मद शमी हैं नहीं। सिराज घर की या उपमहाद्वीप की पिचों पर कारगर नहीं हो रहे हैं। बुमराह ने इस श्रृंखला में अब तक 32 विकेट निकाले हैं। औसत सिर्फ़ १३ का है। अभी तक ऑस्ट्रेलिया में किसी भी भारतीय गेंदबाज़ ने इतने विकेट नहीं लिये हैं। ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज़ों की एक तरह से उन्होंने बत्ती बंद की हुई है। ऑस्ट्रेलिया के प्रधान मंत्री भी बुमराह के क़ायल हैं और कहते हैं कि भाई तुमको किस तरह मैदान से बाहर रखा जाये। पर बुमराह से गेंदबाज़ी काफ़ी करवाई गई है। श्रृंखला में अब तक बुमराह ने 152 ओवर फेंके हैं। पिछले मैच में मेलबर्न में बुमराह ने 52 ओवर दोनों पारियों में गेंदबाज़ी की थी। इतनी दम से जो गेंदबाज़ गेंदबाज़ी करे । पाँच टेस्ट मैच लगातार करे। जब विकेट ना निकले तो गेंद उनसे करवाई जाए। तो ऐसे में उस गेंदबाज़ के चोटिल होने की संभावना बढ़ ही जाती है। सभी के लबों पर प्रार्थना है कि बुमराह की चोट गंभीर ना हो। इस श्रृंखला में जो आनंद बुमराह ने दिया है वो पहले कभी नहीं देखा गया। एक इंडिया से आया तेज़ गेंदबाज़ ऑस्ट्रेलिया के तीन दिग्गज गेंदबाज़ों पर भारी पड़ा है। उन्हीं की धरती पर। काश बुमराह को चोट गहरी ना हो। क्योंकि ये दिल माँगे मोर।